कागज़ पेंसिल उठाकर कुछ न कुछ लिखना और ड्रा करना मुझे बहुत अच्छा लगता है । कल यूँ ही मैंने ये फ्री हैण्ड ड्राइंग बनाये हैं और ये कहानी भी लिखी है । मैंने ये कहानी अपने बारे में ही लिखी है । ये मेरी पहली स्टोरी है
Once a opon a time when it was my birthday when i was a baby and when i was one year old i had lot of fun, :)
Pen |
Jar |
Duck |
20 comments:
Nice :-)
Aagey aur bhi kahaniyaa likhna aur share bhi jarur karna.
Pata hai maine bhi apni pahli Kavita class 1 mein hi likha tha jab main tumhaare jitni thi.
अरे वाह! बहुत बढ़िया!!! :-)
मुझे तो बहुत पसंद आए
हार्दिक शुभकामनायें
very nice:-)
bahut sundar ...badhte jao ...gadhte jao ...shubhkamnaayen .....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (10-02-2014) को "चलो एक काम से तो पीछा छूटा... " (चर्चा मंच-1519) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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बसंतपंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका हर हुनर काबिलेगौर और काबिले तारीफ़ |
पेन, जार और डक के ऊपर कोई कहानी सोचिये।
so sweet :)
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अलविदा मारुति - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सुन्दर...शुभाशीष...
put ke paanv...
vaah chaitany bahut sundar
बहुत सुंदर. बधाई !! मा. चैतन्य.
बहुत सुन्दर... बधाई चैतन्य.
sweet story CHAITANYA
कल 22/02/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
सादा बना चित्र बहुत कुछ कह रहा है |भरा जार कहीं छलक न जाए |मन का गुबार उजागर न हो जाए |
बहुत सुन्दर..:)
good going Chaitnaya
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