चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Thursday, August 7, 2014

बंदर भैया


बंदर भैया बदले बदले
लटक-मटक कर चलते 
कभी तो चलते सीधे सीधे 
कभी घूम के  पलटते

अम्मा पूछे, बेटा बंदर 

अजब गजब हैं कपड़े पहने 
नए नए से लगते हो तुम 
हाथ कान में गहने पहने 

बंदर बोला मैं तो अम्मा 

कैटवॉक करूंगा 
छोड़ूंगा पेड़ों पर चढ़ना
स्टाइल  से चलूँगा  

अम्मा बोली बंदर बेटा 

क्या तेरे मन में आया 
उछाल कूद छोड़कर यूं 
बिल्ली बनना क्यों भाया   


नेशनल दुनिया अख़बार में प्रकाशित यह कविता मेरी माँ ने लिखी है । 

15 comments:

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना शनिवार 09 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

P.N. Subramanian said...

सुन्दर कविता

BLOGPRAHARI said...

आपका ब्लॉग देखकर अच्छा लगा. अंतरजाल पर हिंदी समृधि के लिए किया जा रहा आपका प्रयास सराहनीय है. कृपया अपने ब्लॉग को “ब्लॉगप्रहरी:एग्रीगेटर व हिंदी सोशल नेटवर्क” से जोड़ कर अधिक से अधिक पाठकों तक पहुचाएं. ब्लॉगप्रहरी भारत का सबसे आधुनिक और सम्पूर्ण ब्लॉग मंच है. ब्लॉगप्रहरी ब्लॉग डायरेक्टरी, माइक्रो ब्लॉग, सोशल नेटवर्क, ब्लॉग रैंकिंग, एग्रीगेटर और ब्लॉग से आमदनी की सुविधाओं के साथ एक सम्पूर्ण मंच प्रदान करता है.
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lori said...

:) mammi ji k bandar bhaiya pasand aaye........

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (09-08-2014) को "अत्यल्प है यह आयु" (चर्चा मंच 1700) पर भी होगी।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

संध्या शर्मा said...

बन्दर भैया पर भी फैशन का रंग चढ़ गया, भला वो कैसे पीछे रहते … बहुत सुन्दर कविता :)

कविता रावत said...

बंदर बोला मैं तो अम्मा
कैटवॉक करूंगा
छोड़ूंगा पेड़ों पर चढ़ना
स्टाइल से चलूँगा
....... वाह! बहुत खूब....... उसको भी हवा लग गयी शहर की
.बहुत बढ़िया रोचक

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत बढ़िया चैतन्य

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

वाह भाई चैतन्य मजा आ गया ..बन्दर मामा की स्टाइल देख ...वैसे सच्ची अपना सारा गुण धर्म बदलना नहीं चाहिए न ..
भ्रमर ५

Himkar Shyam said...

बहुत सुंदर...

मन के - मनके said...

बचपन जाग गया

Suman said...

बंदर बोला मैं तो अम्मा
कैटवॉक करूंगा
छोड़ूंगा पेड़ों पर चढ़ना
स्टाइल से चलूँगा
vaah kya baat hai majedar :)

Smart Indian said...

बहुत खूब!

सदा said...

वाहा ....
क्‍या बात है
बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति

संजय भास्‍कर said...

.. वाह! बहुत खूब....

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