सब हमारे साथ हैं.......... |
मेरी ममा के ब्लॉग पर कहाँ मैं खेलूं चहकूं गाऊं.................? कविता में हम बच्चों की कई सारी बातें हुई | इस कविता में हमारे कई सारे सवाल शामिल थे | मुझे इस बात की ख़ुशी है सभी ने हम बच्चों का साथ दिया है | सभी की टिप्पणियां बड़ी प्यारी हैं और हम सब बच्चों की परेशानी को समझने की बात बताती है |
हमारे ऊपर बात-बात में जो बंदिशें लगती हैं या जो रोक-टोक होती है उसी को लेकर मेरे गीत ब्लॉग वाले सतीश अंकल ने बड़ी प्यारी राह सुझाई है ............ मेरे सभी नन्हे और बड़े दोस्तो मुझे तो यह बहुत पसंद आई है..... आप भी पढ़िए .......
तुमको राह सुझाता हूँ, मैं
पते की बात बताता हूँ मैं
अगर बात न मानी जाये
साफ़ बात अपनी बतलादो
शोर मचाएं जोर जोर से
टोका टाकी कुछ न होगी
घर के हर डिब्बे बर्तन में
चाकलेट रखनी ही होगी
पानी में छप छप करने
की , भी पूरी आजादी होगी
भालू बन्दर और पिल्लों को
घर में सब आज़ादी होगी !
मांग हमारी, पूरी कर दो !
साफ़ साफ़ बतलाता हूँ मैं
अगर नहीं माने तो सुन लो
कल से पुच्ची नहीं मिलेगी
है न मजेदार ...थैंक यू सतीश अंकल ...... :)
28 comments:
मांग हमारी, पूरी कर दो !
साफ़ साफ़ बतलाता हूँ मैं
अगर नहीं माने तो सुन लो
कल से पुच्ची नहीं मिलेगी
अच्छा तरीका खोज निकला है ....बहुत अच्छे ..आपको भी पूरा हक है अपनी आजादी में रहने का ..बालपन है तो क्या हुआ ...बहुत खूब ..
बहुत खूब चैतन्य महाराज।
बच्चे यकीनन हमसे अधिक स्नेही होते हैं, उनकी मासूम भाषा और इच्छाएं अक्सर अच्छा, बुरा, हानि, लाभ का हिसाब लगाते हम बड़ों की समझ नहीं आती ! यह भी सच है कि जितना समय बच्चों को मिलना चाहिए हम उन्हें नहीं दे पाते ! यह वाकई इन मासूमों के प्रति अन्याय है ! खैर...
यह टिप्पणी त्वरित लिखी गयी थी सो अशुद्धियों के होते हुए भी आपने पोस्ट का मान दिया, सो यह अमर हो गयी उम्मीद है बच्चों को पसंद आएगी !
बहुत सुन्दर कविता धन्यवाद|
उत्तम कविता सुन्दर भाव और बच्चों के प्रति अनुराग रखने की कामना सराहनीय एवं अनुकरणीय है.
चैतन्य ...बहुत ही चालाक हो ... तुम्हे सब कुछ मालूम है फिर भी हमसे पूछ बैठते हो ! बहुत सुन्दर
ये तो कुछ ज़्यादा ही हो गया। इतना कंसेशन नहीं हो पायेगा, खासकर चौकलेट के मामले में।
वाकई दोस्त! बहुत मजेदार!
Kya bleck meling haae pyaare!
बहुत सुन्दर तरीका बताया है...आज़मा कर देखो
बहुत सुन्दर भैया !
बहुत खूब चैतन्य महाराज
अरे, आपको अब पसंद आयी, हमने तो इसे पहले ही पढ़ लिया थाSS.... और इसका मज़ा सबसे पहले लिया थाSS...
सतीश जी, इस बाल-कविता पर हमारी बधाई स्वीकार करें :
"अगर नहीं माने तो सुन लो
कल से पुच्ची नहीं मिलेगी"
— वात्सल्यमयी इस धमकी ने मज़ा बाँध दिया.
बहुत सुंदर बात , अंकल को धन्यवाद कही जो, हमारा प्यार चैतन्य बाबा को
bahut achchhi kavita likhi hai sateesh ji ne aap sabke liye.bahut sundar ..
चैतन्य....हम तुम्हारे साथ हैं...हम तुम्हारे साथ हैं....सतीश अंकल की बात हम भी दोहराएंगे - घर के हर डिब्बे बर्तन में
चाकलेट रखनी ही होगी :) :)
Sateesh ji aapka hardik aabhar Chaitnaya ke liye likhi in pyari panktiyon ke liye.....
Ap sab ki Tippaniyon ke liye bhi abhari hun.... Chaitanya par apna sneh yoon hi banye rakhen....
मांग हमारी, पूरी कर दो, पूरी कर दो, पूरी कर दो !
चेतन्य प्रभु,
मुझे जन्म दिन की मुबारक देने पर !
नानू की तरफ से पुची और बहुत-बहुत प्यार !
सदा ऐसे ही हँसते और खिलखिलाते रहो |
आशीर्वाद !
अशोक सलूजा !
बहुत सुन्दर
bahut achhe.kya aap abhi itne hi chhote hai?? mere paas aapki taareef k liye shabd nahi hai..
बहुत प्यारी..:)
बहुत खूब :)
अगर नहीं माने तो सुन लो
कल से पुच्ची नहीं मिलेगी
प्रिय चैतन्य प्रभु आप मम्मा के साथ हम सब बच्चों के दुलारे हो बहुत खूब बच्चों के मन का बखान उनकी मांगे खुबसूरत
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
प्रतापगढ़ उ.प्र
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