चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Sunday, April 17, 2011

थैंक यू अर्चना आंटी.....बहुत सारा प्यार...!


अरे....मैं ही हूँ....!

ममा के ब्लॉग की बाल कविता कहाँ मैं खेलूं   चहकूं   गाऊँ............? को मेरे मन की ब्लॉग वाली अर्चना चावजी आंटी ने  अपनी  आवाज़ में गाकर और   भी मजेदार और सुंदर बना दिया है | उन्होंने हम बच्चों  की परेशानियाँ बिल्कुल हमारे अंदाज़ में ही सबको बताई   हैं |

मुझे यह कविता उनकी  आवाज़ में सुनकर बड़ा मज़ा आया और बहुत अच्छा भी लगा.....अब  आप भी सुनिए .......




इस सुंदर उपहार के लिए अर्चना आंटी को हार्दिक  धन्यवाद और ढेर सारा प्यार ...............    थैंक यू .....

28 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

हमें भी बहुत अच्छी लगी यह सस्वर कविता.

Love-

गौरव शर्मा "भारतीय" said...

वाह...बेहतरीन सुनकर मजा आ गया !!

संजय भास्‍कर said...

सुनकर मजा आ गया

Archana Chaoji said...

शुक्रिया चैतन्य...वैसे थैन्क्यू की कोई जरूरत नहीं है,हाँ,प्यार तो... और लगेगा.. ........अब तो इन्तजार करते है आपके साथ इन सवालों के जबाबों का..देखें कौन देता है अपने सवालों के जबाब...
ह्म्म्म्म्म और ममा का आभार...

Shikha Kaushik said...

chaitanya bahut achchha kiya jo hame bhi ye jankari de dee ab sunte hain jakar.

Coral said...

बढ़िया

बस इतनी सी .....

प्रवीण पाण्डेय said...

मुस्कान नहीं बदली है। बहुत सुन्दर।

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर ,

smshindi By Sonu said...

आपको एवं आपके परिवार को भगवान हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

अंत में :-

श्री राम जय राम जय राम

हारे राम हारे राम हारे राम

हनुमान जी की तरह जप्ते जाओ

अपनी सारी समस्या दूर करते जाओ

!! शुभ हनुमान जयंती !!

आप भी सादर आमंत्रित हैं,

भगवान हनुमान जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ

smshindi By Sonu said...

बहुत सुंदर ,

Rakesh Kumar said...

अरे अरे रोईये नहीं प्यारे प्यारे नन्हे मुन्ने चैतन्य जी.
हम सब भी रो पड़ेंगें आपके साथ.आप खूब खेलें,कूदें शोर मचाएं.
कोई कुछ कहे तो प्यार प्यारी सी शिकायत भरी पोस्ट लिख दें.
फिर देखना कितने सारे अंकल आंटी आपके समर्थन में आ जायेंगें.
मम्मी ,पापा, दादा ,दादी फिर कुछ न कहेंगें आपको सिवाय प्यार करने के.

G.N.SHAW said...

बिलकुल सही प्रस्तुति बचपन याद आ गए !.

Anand Rathore said...

bahut sunder..accha laga...

abhi said...

:)

प्रतुल वशिष्ठ said...

अर्चना जी का स्वर बेहद मधुर है. उनके स्वर में यह कविता सुनकर मन को अपार आनंद मिला.

Dr (Miss) Sharad Singh said...

अर्चना जी के मधुर स्वर ने कविता को चार चांद लगा दिया है.

Kashvi kaneri said...

हेल्लो चैतन्य मैने कविता सुनी बहुत मजा आया
आप मेरे ब्लांग मे भी आओ मेरी दादी ने भी मेरे लिये एक कविता लिखी है।तुम आओगे तो मुझे अच्छा लगेगा

vijai Rajbali Mathur said...

बच्चों का उत्साहवर्धन करना बहुत अच्छी बात है.चैतन्य की यह उपलब्धी मुबारकवाद की हक़दार है.

Sunil Kumar said...

अर्चना जी के मधुर स्वर कविता में, बहुत सुंदर...........

Suman said...

nanhe dost,
bahut sunder....

SANDEEP PANWAR said...

जाट देवता की राम-राम,

लगे रहो।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत मधुर गीत

Chinmayee said...

कविता भी सुन्दर है और उसे अर्चना अंटी भी बहुत सुन्दर तरीके से गाई है ...

Satish Saxena said...

और चैतन्य प्रभु !
क्या हाल है , मुस्कराते बड़े प्यार से हो यार ...धन्यवाद ! यह मुस्कान जीवन भर बाँटते रहो !

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

सुंदर उपहार के लिए बधाई। फिर हमे?????????????? :)

Chaitanyaa Sharma said...

आप सबके प्यार और प्यारी टिप्पणियों के लिए धन्यवाद

Dinesh pareek said...

वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी
आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
आपका मित्र दिनेश पारीक

nirmal singh said...

मुझे यह कविता सुनकर बड़ा मज़ा आया और बहुत अच्छा भी लगा

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