मेरी ड्राइंग - राष्ट्रभक्त नेताजी |
जब सुभाष चंद्र बोस छोटे थे तब उनका मन किसी को दुखी देखकर बहुत व्यथित हो जाता था। एक बार अपने घर के सामने रहने वाली बूढी भिखारिन की दयनीय स्थिति देखकर नेताजी को बहुत दुख हुआ। उसे दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पाती यह देखकर उन्होंने उसकी मदद करने की ठानी । तब उन्हें तीन किलोमीटर दूर कॉलेज जाना होता था। ऐसे में उसकी सहायता के लिए किराये के पैसे उसे देकर वे पैदल ही कॉलेज जाने लगे।
जब नेताजी स्कूल जाते थे तब घर से मिलने वाले खाने को स्कूल के पास रहने वाली एक गरीब बूढी महिला से साझा करते थे। वे रोज अपना आधा खाना उस जरूरतमंद बुढिया को दे दिया करते थे। एक बार उसके बीमार होने पर नेताजी ने दस दिन तक उसकी सेवा भी की। इस देखभाल के चलते वे फिर से स्वस्थ हो गईं।
जब वे दसवीं कक्षा में थे । एक समाचार पत्र में पढा कि जाजपुर नाम के गांव में हैजा फैला हुआ है। उसी समय राहत दल के साथ वे हैजे से पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए जाजपुर चले गए। घर के लोगों के नाराज़ होने पर उन्होंने अपने देशवासियों की सेवा को अपनी जिम्मेदारी बताया।
सहृदय और सद्गुणों से भरे बचपन वाले नेताजी ने बड़े होकर एक राष्ट्रभक्त और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में इस देश का गौरव बढाया | उनका स्थान हर भारतवासी के ह्रदय में हमेशा बना रहेगा |
नेताजी को शत शत नमन......
18 comments:
bahut satik
सुन्दर प्रस्तुति!
वरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!
ड्राइंग भी बहुत अच्छी लगी!
बहुत खूब
बहुत सुन्दर चित्र और आलेख
सादर नमन -
शुभकामनायें-
सुंदर प्रस्तुती और नेता जी सुभाष को नमन ...
आपकी ड्रांइग अच्छी हैँ ।
ड्राइंग भी अच्छी और नेता जी के बारे में जानकारी भी बहुत अच्छी है।
very nice
जय हो ... तुम्हारी जय हो चैतन्य !!
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को शत शत नमन !
वो जो स्वयं विलुप्तता मे चला गया - ब्लॉग बुलेटिन नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को समर्पित आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
बहुत सुन्दर चित्र...
बढ़ियाँ जानकारी...
:-)
बहुत ही सुन्दर यादगार | आप के ब्लॉग का नाम चैतान्यका कोना न कर चैतान्यदर्शन अच्छा रहेगा | कल दुःख तो तब हुआ जब भारतीय लोलुप टीवी चैनलों ने नेता जी को याद करना भी वाजिब नहीं समझा |सदैव लिखते रहे और हम पढ़ते रहें | एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई चैतन्य |
नेता जी को नमन .
चैतन्य,बहुत सुंदर लेख- नेताजी का बचपन । अपने दोस्तों को भी सुनाना और पढाना । तुम्हारा बहुत अभिनन्दन ।
बहुत सुन्दर चित्र..
अरे वाह चैतन्य ...आप तो बहुत स्मार्ट हैं...इतना सुन्दर चित्र पेंट किया ...रंग ज़रासा भी बहार नहीं निकला ...वैरी गुड ...!
अरे वाह चैतन्य...बहुत अच्छा :)
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