चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Tuesday, November 1, 2011

अजब अनोखा भूतों का त्योंहार ...हेलोवीन ....

हेलोवीन बहुत ही अलग तरह का त्यौहार है | ३१ अक्टूबर को हर साल मनाया जाता है | इस  त्योंहार में यहाँ सब कुछ डरावनी चीज़ों से सजाया जाता है | घर , माल स्टोर्स और यहाँ तक की हॉस्पिटल भी |  

हेलोवीन के दिन  बच्चे और बड़े कुछ खास कॉस्टयूम पहनते हैं | बच्चे अपनी ट्रीट बास्केट लेकर घरों और दुकानों में कैंडी और चॉकलेट  मांगते हैं | सभी लोग ख़ुशी ख़ुशी उनकी बास्केट में चॉकलेट डालते हैं | कल मैंने भी हेलोवीन के त्योंहार पर दिनभर खूब मस्ती की...... स्कूल भी अपना स्पाइडरमैन का कॉस्टयूम पहनकर ही गया था | 
मेरे स्कूल फ्रेंड्स के साथ...... मैं हूँ स्पाइडरमैन 

स्पाडरमैन ...चैतन्य   

ये दोनों खास  बनकर आये ....


ये थोड़े ज्यादा ही डरवाने लगे मुझे.....

शॉप में चॉकलेट  ट्रीट लेते हुए......

माय स्पाइडरमैन पोज़ 

24 comments:

Sunil Kumar said...

भाई हमने तो पहली बार सुना यह बड़ा अच्छा त्यौहार है यह जिसमें मुंह ही नही दिखाई दे :):):
वैसे अच्छा हुआ आपने बता दिया आप किस ड्रेस में हैं

Gyan Darpan said...

हमने भी पहली बार सुना इस त्यौहार के बारे|

Gyan Darpan
Rajput Matrimonial

प्रवीण पाण्डेय said...

जब बच्चे डराते हैं तो डर अधिक लगता है।

सुज्ञ said...

वाह!! चैतन्य जी,
खूब आनन्द लिया हेलोवीन का?

स्पाइडरमेन के रूप में जँच रहे हो!!

vijai Rajbali Mathur said...

आपने यह नहीं बताया कि यह बच्चों के दिमाग से डर निकालने के लिए है या उन्हें डराने के लिए। जो भी हो ऐसे आयोजन निंदनीय और त्याज्य हैं।

Yashwant R. B. Mathur said...

पहचान मे ही नहीं आ रहे हो चैतन्य बाबू :)

Pallavi saxena said...

अरे वाह क्या बात है बहुत खूब बेलेटेड happy hallowvin day :-)

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

अरे भाई अच्छा हुआ आप ने मुखौटा उतार दिया नहीं तो हम तो दिया लेकर आप को ढूंढते रहते भीड़ में ...हेलोवीन के बारे में अच्छी जानकारी ..मजा आया ..न जाने ये भूत हमको क्यों नहीं ....
शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

मौज-मस्ती का नाम ही त्यौहार है.नये त्यौहार की जानकारी मिली.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

@ विजय माथुर जी.....

नहीं बच्चे डरते नहीं है ...मौज मस्ती करते हैं..... बस यह भी एक अलग सा त्योंहार है .....

Vandana Ramasingh said...

wow!!!chaitnya .... spider-man looking nice

Sapna Nigam ( mitanigoth.blogspot.com ) said...

kyaa baat hai chaitany, looking smart.

Smart Indian said...

शाबाश चैतन्य! इस बार हमने भी हैलोवीन में बहुत मस्ती की।

Smart Indian said...

शाबाश चैतन्य! इस बार हमने भी हैलोवीन में बहुत मस्ती की।

G.N.SHAW said...

शीर्षक पढ़ और फोटो देख , मै तो डर ही गया था !! बधाई !

Human said...

good enthusiasm,nice celebration

Suman said...

मैंने भी इस त्यौहार के बारे में सुना है
बच्चे काफी मौज-मस्ती करते है
आपने भी खूब की होगी है ना ?

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

अरे ये नई जानकारी मिल गयी...
स्पाईडर में तो एकदम असली लग रहा है...
सुन्दर...:))
बधाई...

Asha Joglekar said...

इस त्यौहार का रूप अब चाहे बदल गया हो यह हमारी सर्वपित्री अमावास्या की तरह का त्यौहार है जब लोग अपने दिवंगत पुरखों को याद करते हैं उनके लिये दिये जलाते हैं चाह वे केसरी और वायर काली ही क्यूं ना हो । पहले इस त्यौहार पर भिखारियों को पकवान खिलाये जाते थे अब बच्चे अलग अलग चित्र विचित्र पोशाकें पहन कर घर घर जाकर लोगों को डराते हैं या आनंद भी देते हैं जब लडकियां परियों की पोशाक पहिन कर आती हैं और हक से कैंडी लेते हैं । इसे पहले ऑल सेंटस् डे से एक दिन पहले मनाते थे । चैतन्य आपकी तरह मेरी पोतियों ने भी चमगादड और कुकी मॉन्स्टर की पोसाक पहिन कर ये त्यौहार मनाया ।

चंदन said...

इस त्यौहार के बारे में पहली बार जाना| अच्छी प्रस्तुति|

Dr.NISHA MAHARANA said...

वाह!! चैतन्य जी, बधाई !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब चैतन्य बाबु बधाई....मेरी नई पोस्ट में आपका स्वागत है.

सदा said...

कल 09/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।

धन्यवाद!

Maheshwari kaneri said...

बहुत सुन्दर...

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