जन्माष्टमी की शुभकामनाएं आप सभी को । आज मेरी बनाई कान्हा की ड्राइंग और मां की लिखी कविता ।
कैसे जीतें जीवन रण को
कैसे जीतें जीवन रण को
उल्लासित करलें हर क्षण को
ओ कान्हा सिखलाओ ना
कैसे झट मैया को मना लें
प्यारी प्यारी बातें बना लें
ओ कान्हा बतलाओ ना
संकट में भी मुस्काएं हम
रीति नीति सब पायें हम
ओ कान्हा समझाओ ना
सखा भाव को कभी ना भूलें
प्रकृति माँ की गोद में झूलें
ओ कान्हा सिखलाओ ना
19 comments:
waah dono lajawaav ........sundar combination ....
बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
सादर --
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (19-08-2014) को "कृष्ण प्रतीक हैं...." (चर्चामंच - 1710) पर भी होगी।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
@ डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार
सुंदर गीत --जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं
बहुत सुन्दर ड्राइंग और साथ ही सुन्दर प्रेरक गीत !
सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
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प्रिय चैतन्य जी सुन्दर छवि कान्हा की और अच्छी रचना कान्हा प्रभु बाल सखा हैं सब सिखाएंगे
जय श्री कृष्ण जय श्री राधे
भ्रमर ५
lovely sketch,beta Chaitanya.
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं
सुंदर---बाल-सुलभ
बहुत सुन्दर ........... श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर चित्र ! सुन्दर निवेदन !
ईश्वर कौन हैं ? मोक्ष क्या है ? क्या पुनर्जन्म होता है ? (भाग २ )
बहुत खूब , ये तो कान्हा चैतन्य हैं खडे़ होने के अन्दाज़ से , यहाँ नटखट अदा तो पीले फूलों का चित्र बनाते हुए गंभीर मुद्रा !
बहुत सुन्दर ड्राइंग............
क्षमा करें ...कुछ तकनीकी प्रयोग के चलते मेरा पहला कमेंट हट गया!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..शुभकामनाएं सहित..
बढ़िया ड्राइंग, सुंदर गीत...कृष्ण की कृपा सदा रहे...!!जय श्री कृष्ण!!
बढ़िया रचना है मम्मा की, आपकी ड्राईंग तो हमेशा सुन्दर होती है
दोस्त, बधाई शुभकामनायें :)
बहुत अच्छा है चैतन्य...तुम्हारी ड्राइंग भी और कविता भी :)
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