मैं चैतन्य- 14 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास X में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 12 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।
आज World Nature Conservation Day है । प्रकृति को बचाने और सहेजने का सन्देश देने वाला खास दिन । पर धरती माँ पेड़ों पौधों को सहेजने के लिए तो हर दिन खास है क्योंकि प्रकृति माँ से सुन्दर कुछ नहीं । इसके रंगों से ही हमारे जीवन के रंग हैं । हम सब धरती माँ के आभारी हैं ।
आजकल मैं अपने कैमरे से उन नन्हे पौधों को क्लिक कर रहा हूँ जो बड़े होकर पेड़ बनेंगें । साथ ही हैरान भी हूँ कि इतने बड़े पेड़ कभी इतने छोटे भी होते हैं । Some Clicks by me: )
एक गिलहरी प्यारी प्यारी भाग भाग के आती अपने मुंह में दबा छुपा के कितना कुछ वो लाती झबरी पूंछ, देह पर धारी चौकन्नी सी फिरती उछल कूद करती वो हरदम हंसी ख़ुशी से रहती पकड़ हाथ में दाना चुग्गा बैठ प्यार से खाती हम जो उसको पास बुलाएँ कितना वो शरमाती घास फूस, धागों को चुनकर अपना घर वो बनाती तिनके, सूखे पत्ते लाकर घर को खूब सजाती प्यारी प्यारी एक गिलहरी कितना कुछ है सिखाती करती रहती काम हमेशा
कभी न समय गंवाती
जनसंदेश अख़बार में प्रकाशित यह प्यारी सी बाल कविता मेरी माँने लिखी है |
अकेले पड़ रहे कितने बंटी
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हाल ही में हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया |
उन्हें याद करते हुए उनके प्रशंसकों ने उनकी चर्चित कृति 'आपका बंटी' का सबसे
ज्...