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चैतन्य शर्मा
- Chaitanyaa Sharma
- मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।
Tuesday, August 30, 2011
Saturday, August 20, 2011
ओ कान्हा सिखलाओ ना....!
उल्लासित करलें हर क्षण को
ओ कान्हा सिखलाओ ना
कैसे झट मैया को मना लें
प्यारी प्यारी बातें बना लें
ओ कान्हा बतलाओ ना
संकट में भी मुस्काएं हम
रीति नीति सब पायें हम
ओ कान्हा समझाओ ना
प्रकृति माँ की गोद में झूलें
ओ कान्हा सिखलाओ ना
(ये पंक्तियाँ मेरी माँ ने लिखी हैं )
जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सबको बधाई.......
(ये पंक्तियाँ मेरी माँ ने लिखी हैं )
जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सबको बधाई.......
Sunday, August 14, 2011
झंडा ऊंचा रहे हमारा...!
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
हमारे तिरंगे के सम्मान में लिखा गया यह गीत जब भी सुनाई देता है, रोम-रोम पुलकित हो जाता है, हर भारतीय का दिल इसके प्रति श्रद्धा विभोर हो उठता है। पर इस गीत की रचना किसने की यह शायद बहुत से लोगों को मालूम नहीं है। इसी के बारे में जानकारी देती आज की यह प्यारी सी पोस्ट गगन शर्मा अंकल के ब्लॉग कुछ अलग सा से है
इस राष्ट्रीय झंडा गीत के रचनाकार थे स्वर्गीय श्री श्याम लाल गुप्त। इनका जन्म कानपुर के नरवल गांव में 16 सितंबर 1893 को हुआ था। इनके पिता का नाम श्री विश्वेश्वर गुप्त तथा माता का नाम कौश्लया देवी था। परिवार के आर्थिक संकट से जूझने के कारण श्याम लालजी बचपन से ही पढाई के साथ-साथ पिता का हाथ भी बटाया करते थे। बड़े होने के साथ-साथ इनका रुझान पत्रकारिता की ओर होता चला गया और इनकी देश भक्ति से ओत-प्रोत कविताएं तथा लेख अखबारों इत्यादि में छपने लगे जो काफी लोक प्रिय भी होते चले गये। इसी के कारण धीरे-धीरे नेताओं का ध्यान इनकी ओर गया और श्री गणेश शंकर विद्यार्थीजी की प्रेरणा से ये कांग्रेस के सक्रीय कार्यकर्ता बन गये और अपनी मेहनत और लगन के सहारे 1920 में फतेहपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर पहुंच गये।उस समय तक कोई झंड़े को सम्मान देने वाला ऐसा गीत नहीं बन पाया था जिसे सुन मन उद्वेलित हो सके। गणेश शंकरजी इनकी प्रतिभा से बहुत प्रभावित थे सो उन्होंने ही इन्हें कोई ऐसा गीत लिखने की जिम्मेदारी सौंप दी जो सीधा दिल तक पहुंचे। श्याम लालजी के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी। काफी मेहनत और लगन से आखिर उन्होंने गीत लिखा। उसे बड़े-बड़े नेताओं ने सुना, पढा और उन सब के अनुमोदन के बाद उसे गांधीजी को दिखाया गया उन्होंने गीत को कुछ छोटा करने का परामर्श दे इसे झंडा गीत बनने का गौरव प्रदान कर दिया।फिर तो यह गीत सार्वजनिक सभाओं, जुलूस , प्रभात फेरियों के अवसर पर गाया जाने लगा और जब 1938 में हरिपुरा के ऐतिहासिक कांग्रेस के अधिवेशन के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ध्वजारोहण करते ही वहां पांच हजार लोगों ने देश के सभी महत्वपूर्ण नेताओं की उपस्थिति में भाव-विभोर हो इसे गाया तो इसे राष्ट्रीय झंड़ा गीत होने का गौरव भी मिल गया।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
सदा शक्ति सरसानेवाला
वीरों को हर्षानेवाला
मातृभूमि का तन-मन-सारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
लाल रंग भारत जननी का,
हरा अहले इस्लाम वली का,
श्वेत सभी धर्मों का टीका,
एक हुआ रंग न्यारा-न्यारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
है चरखे का चित्र संवारा,
मानो चक्र सुदर्शन प्यारा,
हरे देश का संकट सारा,
है यह सच्चा भाव हमारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
इस चरखे के नीचे निर्भय,
होवे महाशक्ति का संचय,
बोलो भारत माता की जय,
सबल राष्ट्र है ध्येय हमारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरो आओ,
राष्ट्र ध्वज पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
शान ना इसकी जाने पाए
चाहे जान भले ही जाए
विश्व विजय कर के दिखलाये
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ....... हमारे वीर शहीदों को नमन .....जय हिंद।
Friday, August 12, 2011
Tuesday, August 9, 2011
मैं भी मिला मिकी माउस से.......!
डिज़नीलैंड में मुझे सबसे अच्छा तब लगा जब मुझे उन कार्टून करेक्टर्स से मिलने का मौका मिला जो मुझे बहुत अच्छे लगते हैं | यह मेरे ट्रिप का सबसे खास और प्यारा हिस्सा रहा | माँ पापा को भी बहुत अच्छा लगा क्योंकि यह उन्होंने ट्रिप मेरे लिए ही प्लान किया था |
ओह पूह...मेरा फेवरेट ..... |
प्लूटो और गूफी...... |
कैसल में एक प्रिंसेस भी थीं ......प्रिंसेस ने मुझे प्रिंस चार्मिंग भी कहा :) |
और यह है डफी.... |
फिर मैं मिला मिकी और मिनी से.....! |
मिनी से मेरे कैप पर ओटोग्राफ भी लिया ...... |
टाइगर से मिलकर तो बहुत ही अच्छा लगा......! |
मैंने बात भी की डोंकी और श्रेक से.........! |
और फिर मिला डोनाल्ड डक से.....! |
Saturday, August 6, 2011
दोस्ती के रंग हज़ार.....!.
आओ हम सब दोस्त बने
एक दूजे का थाम लें हाथ
खुशिया आयें या फिर गम
कभी न छूटे अपना साथ
दोस्ती यानि....... हंसी.... |
दोस्ती ..... अब कोई डर नहीं .....! |
दोस्ती.... जमीं आसमान के फर्क को मिटा दे...... |
दोस्ती ...जहाँ छोटे बड़े का भेद नहीं...... |
दोस्ती यानि...... हर हाल में साथ .... |
आप सभी को फ्रेंडशिप डे की शुभकामनायें...... हैप्पी फ्रेंडशिप डे........ |
Tuesday, August 2, 2011
डिज़नीलैंड..... एक मैजीकल वर्ल्ड !
डिज़नीलैंड (ओरलेंडो ) बहुत ही मजेदार जगह है | मुझे वहां जाकर बहुत ही अच्छा लगा | मैं वहां पूरे एक हफ्ते रहा और डिज़नीलैंड के सभी पार्क्स में गया | सारे पार्क्स बहुत बड़े हैं ...एक जगह पूरा दिन लग जाता है | मस्ती भरी राइड्स तो यहाँ खास हम बच्चों के लिए ही बनी हैं | मैं वहां मैजिक किंगडम, एप्कोट , एनीमल किंगडम, और यूनिवर्सल स्टूडियो गया | यह अपने आप में एक मैजीकल वर्ल्ड है |
स्वागत .... इस मैजिकल दुनिया में... |
कैसल..... बहुत सुंदर है यह .... |
मैजिक किंगडम जहाँ दुनिया के हर देश की गुड़िया हैं ...वो भी नाचती हुईं.... |
मैं भी रंगा मिकी माउस के रंग में.... |
यह देखिये ...मिकी और मिनी.... |
सुंदर झांकियां ....कार्टून करेक्टर्स की |
वहां सी वर्ल्ड भी था .... |
हमारे प्यारे कई सारे कार्टून करेक्टर्स डिज़नीलैंड में मौजूद थे | मैं भी उनसे मिला ....... वो अगली पोस्ट में :)