चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Friday, January 25, 2013

हमारे राष्ट्रीय चिन्ह




राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा                                                                    
राष्ट्रीय पक्षी - मोर 


राष्ट्रीय पुष्प  - कमल                                                                      
राष्ट्रीय पेड़ - बरगद 


राष्ट्रीय फल - आम                                                                       
राष्ट्रीय गान - राष्ट्र गान


राष्ट्रीय नदी - गंगा नदी                                                                 
राष्ट्रीय प्रतीक - अशोक चिन्ह 


राष्ट्रीय आदर्श  वाक्य - सत्यमेव जयते                                                 
राष्ट्रीय पशु - बाघ 


राष्ट्रीय गीत - वन्दे मातरम्                                                         
राष्ट्रीय  खेल- हॉकी 

राष्ट्रीय केलेंडर - शक संवत पंचांग

हमारे राष्ट्रीय प्रतीक हमारा गौरव हैं | हमारी पहचान हैं |  इनका सम्मान करना और इन्हें सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है | 

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

Tuesday, January 22, 2013

नेताजी सुभाष का बचपन

मेरी ड्राइंग - राष्ट्रभक्त नेताजी
'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा'  का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने देश के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए | उन्हें एक महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माँ के सच्चे सपूत के रूप में हमेशा याद किया जाता है और किया जाता रहेगा |  राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भी उन्हें 'देशभक्तों का देशभक्त' कहा |  क्या आप सब जानते हैं नेताजी सुभाष बचपन से ही देशभक्ति और सामाजिक उत्थान की सोच रखते थे | राष्ट्रप्रेम, स्वाभिमान और साहस की भाव उनके व्यक्तित्व में बचपन से थे | 

नेताजी बचपन से दयालु और सेवाभावी थे। राष्ट्रप्रेम तो उनके मन कूट- कूट कर भरा था। अपने देशवासियों के प्रति भी उनके मन में  बहुत स्नेह था। वे आम बच्चों से  कुछ अलग ही थे |  मात्र पांच वर्ष की आयु से ही वे सोच विचार करने लगे थे। उनका बाल मन यह जानने समझने लगा था कि अंग्रेज भारतवासियों पर अन्याय करते हैं , उन्हें हीन समझते हैं।  
जब सुभाष चंद्र बोस छोटे थे तब उनका मन किसी को दुखी देखकर बहुत व्यथित हो जाता था। एक बार अपने घर के सामने रहने वाली बूढी भिखारिन की दयनीय स्थिति देखकर नेताजी को बहुत  दुख हुआ। उसे दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पाती यह देखकर उन्होंने उसकी मदद करने की ठानी । तब उन्हें तीन किलोमीटर दूर कॉलेज जाना होता था। ऐसे में उसकी सहायता के लिए किराये के पैसे उसे देकर वे पैदल ही कॉलेज जाने लगे। 

जब नेताजी स्कूल जाते थे तब घर से मिलने वाले खाने को स्कूल के पास रहने वाली एक गरीब बूढी महिला से साझा करते थे। वे रोज अपना आधा खाना उस जरूरतमंद बुढिया को दे दिया करते थे। एक बार उसके बीमार होने पर नेताजी ने दस  दिन तक उसकी सेवा भी की। इस देखभाल के चलते वे फिर से स्वस्थ हो गईं। 

जब वे दसवीं कक्षा में थे । एक समाचार पत्र में पढा कि जाजपुर नाम के गांव में हैजा फैला हुआ है। उसी समय राहत दल के साथ वे  हैजे से पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए जाजपुर चले गए। घर के लोगों  के नाराज़ होने पर उन्होंने अपने देशवासियों की सेवा को अपनी जिम्मेदारी बताया। 

सहृदय और सद्गुणों से भरे बचपन वाले नेताजी ने बड़े होकर एक राष्ट्रभक्त  और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में  इस देश का गौरव बढाया | उनका स्थान  हर भारतवासी के ह्रदय में हमेशा बना रहेगा | 

 नेताजी को शत शत नमन......

Wednesday, January 9, 2013

आह ठंडी ......वाह ठंडी


सर्दी की बात तो आजकल सभी कर रहे हैं ।  इसीलिए आप सब अपने इस नन्हे  दोस्त के हालचाल भी जान लीजिये । छुट्टियाँ ख़त्म  हो गयीं हैं और स्कूल अब शुरू हुए हैं । घर के बाहर का टेम्प्रेचर माइनस  में है । चारों तरफ बर्फ ही बर्फ है । कुछ इस तरह से गुजारा  हो रहा है |




सब कुछ बर्फ से ढका है 

पहचानिए तो 

यहाँ आइस स्कल्पचर्स  भी बन रहे हैं 
पेड़ों पर पत्तियां नहीं बर्फ जमी  है 
स्नो है तो क्या खेलना थोड़े ही रुकता है 

Friday, January 4, 2013

छुट्टियाँ ख़त्म .... बैक टू स्कूल एंड ब्लॉग्गिंग



 दो महीने की लम्बी छुट्टियाँ बिताने के बाद में फिर आप सबके बीच लौट आया हूँ । मेरी वेकेशंस बहत मजेदार रहीं । मैं अपनी छुट्टियाँ जयपुर और मुंबई में बिताकर लौटा हूँ । अब स्कूल और ब्लॉग्गिंग फिर से शुरू । तो मिलता रहूँगा आप सबसे अपनी अच्छी बातों और शरारतों के साथ :) 

आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें ...हैप्पी न्यू ईयर