चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Tuesday, September 28, 2010

लाल पीले हो गए पेड़.......!

देखो पेड़ बदल रहे हैं रंग...

पीली-पीली पत्तियां
अरे नहीं नहीं.............! यह सारे पेड़ गुस्से में लाल पीले नहीं हुए हैं | यह सब तो इसलिए हो रहा है क्योंकि मौसम बदल रहा है | मैं आजकल जहाँ रह   रहा हूँ,  वहां  अभी  गर्मियां  ख़त्म  हुई  हैं और अब ठण्ड का  मौसम  आने  वाला  है | और इसी  की  तैयारी  कर  रहे हैं यहाँ के पेड़ पौधे भी | यहाँ  बहुत  ज्यादा  स्नो  गिरती  है  इसलिए  सारे  पेड़ों  के पत्ते  पहले  ही  झड  जाते  हैं |     लेकिन  पत्ते  पूरे  झड़ने  से  पहले  बहुत कलरफुल हो जाते हैं |  आजकल यह बहुत सुंदर दिख रहे हैं | सारे पेड़ पौधे कई रंगों से रंग गए हैं | इनकी पत्तियां रोज़ रंग बदल रहीं हैं | कुछ हरी हैं....कुछ लाल.... कुछ पीली..... न जाने कितने ही रंग आ गए है पेड़ों पर | मुझे यह सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा है | पेड़ों पर ज़्यादातर हरे रंग की पत्तियां ही देखने को मिलती हैं ऐसे में यह रंग बिरंगे पेड़-पौधे बड़े प्यारे लग रहे है |


यह पौधे भी कभी हरे थे.......



हर पत्ती बदल रही है रंग........




कुछ पत्तियों ने रंग बदला....कुछ बदलेंगीं

अरे... यह पेड़ कुछ दिन पहले तो हरा था......?

इनका भी रंग बदल गया......!


ये  छोटू पौधे भी हो गए हैं रंग-बिरंगे......

जोर से हिला के देखता हूँ.......?

    देखा कितनी पत्तियां नीचे आ गिरीं..... यह पीली ही हैं भाई.......


चलो...... लाल पत्तियों वाले पेड़ को भी हिलाता हूँ......!

अब कुछ देर आराम......... पीली पत्तियों के बीच


आप मेरे पीछे सुंदर पेड़ को देखें.... मुझे कुछ स्पेशल दिख रहा है......


अरे यह तो नन्हा सा रैबिट है..... मुझे बहुत पसंद है....



Wednesday, September 22, 2010

बुद्धू , गधा , पागल कहेंगें.... तो नहीं सहेंगें



बुद्धू ,  गधा , बदमाश , पागल..... आपको पता है हम सारे बच्चे कई बार सोचते हैं की मेरे यह सब नाम क्यों ? हमें बहुत दुःख होता है जब कई बार घर के लोग और बाहर के भी हमें ऐसे नाम से पुकारते है | सबको यह थोड़ी अजीब लगेगी क्योंकि हम बच्चे सबका नाम रिस्पेक्ट से लें ऐसा तो सभी चाहते हैं पर हमारा नाम कैसे लिया जाय कोई नहीं सोचता | अभी कुछ दिन पहले मेरे एक दोस्त के पापा ने बर्थ डे पार्टी में सबके  सामने उसे गधा कहा :(  पता है   कितना  मूड  ऑफ हो गया था उसका  | मैंने घर आकर माँ से भी पूछा की क्या मेरा फ्रेंड गधा है ? घर के सब लोग कितनी प्यार से  हमारा नाम रखते हैं | उस दिन बड़ा सा फंक्शन भी करते  हैं | हमसे  कोई  छोटी  सी  गलती  भी  हो  जाए  तो  ऐसा कुछ सुनने को मिलता है | प्लीज़  सड़क पर , पार्क में , स्कूल के फ्रेंड्स के सामने और घर में  कही  भी  हमारा नाम इस  तरह से न ले  हमें  अच्छा नहीं लगता  |  मुझे तो बहुत ही बुरा लगता है जब कोई ऐसे पुकारता है |

Sunday, September 19, 2010

पहली गणेश चतुर्थी


अभी कुछ दिन पहले ही गणेश चतुर्थी मनाई गयी | आप जानते है यह गणपति बप्पा का जन्मदिन है | गणेशजी की माँ  पार्वती  और  पिता भगवान शंकर हैं | इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है | राजस्थान में भी गणेश चतुर्थी बहुत अच्छे से मानते हैं | किसी भी बच्चे की सबसे पहली गणेश चतुर्थी तो बहुत ख़ास होती है | मेरी पहली गणेश चतुर्थी पर मुझे भी नए कपड़े, लड्डू , गुड़धानी  और सुंदर से डांडिया मिले थे |  गणेश चतुर्थी के पहले दिन सिंजारा  मनाया जाता है | इस दिन गणेशजी को मेहंदी लगाई जाती है | जिस  बच्चे की पहली गणेश चतुर्थी होती है उसको भी मेहंदी लगते हैं | मेरे  हाथों में भी माँ  ने मेहंदी लगाई थी |  इसके बाद कुछ दिनों तक गणपति के पंडालों में गणेशजी की रोज़ पूजा होती है | उसके बाद गणेशजी को विसर्जित कर दिया जाता है | इस विसर्जन के साथ इतने दिन से चल रहा गणेशोत्सव पूरा हो जाता है | जब वे जाते है तो सब लोग उनको यही कहते है की अगले साल वे जल्दी  से आयें | मुझे गणेशजी बहुत क्यूट लगते हैं | किसी भी काम को शुरू करने के पहले उनकी ही पूजा होती है |






गणेशोत्सव के मौके पर आप सबको मैंने अपनी पहली गणेश चतुर्थी के बारे में बताया | आज भी मैंने अपने सुंदर डांडिया को संभाल के   रखा  है | आप सबको मेरी यह पहली पोस्ट कैसी लगी कृपया मुझे ज़रूर बताएं.....