जन्माष्टमी की शुभकामनाएं आप सभी को । आज मेरी बनाई कान्हा की ड्राइंग और मां की लिखी कविता ।
कैसे जीतें जीवन रण को
कैसे जीतें जीवन रण को
उल्लासित करलें हर क्षण को
ओ कान्हा सिखलाओ ना
कैसे झट मैया को मना लें
प्यारी प्यारी बातें बना लें
ओ कान्हा बतलाओ ना
संकट में भी मुस्काएं हम
रीति नीति सब पायें हम
ओ कान्हा समझाओ ना
सखा भाव को कभी ना भूलें
प्रकृति माँ की गोद में झूलें
ओ कान्हा सिखलाओ ना