मैं चैतन्य- 14 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास X में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 12 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।
मुम्बई शहर के अपने ही रंग हैं । यूँ तो इस शहर को कॉन्क्रीट का जंगल कहा जाता है पर मेरे घर से ये नज़ारा दिखता है । मेरे घर की खिड़की से ये वॉटरफॉल दिखते हैं । इन दिनों बरसात में पहाड़ी पर बादल उतरे रहते हैं , चारों तरफ हरियाली छाई हुयी है ……. आप भी देखिये :)
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अकेले पड़ रहे कितने बंटी
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ज्...
20 comments:
बहुत सुन्दर ...मुझे तो मेरे पहाड़ का गाँव याद आने लगा ...
वाह! आपके घर की खिड़की से तो विस्तार दीखता है!
Nice clicks!
वाह!बहुत सुन्दर .अभी तो मुंबई में बहुत कुछ देखने को मिलेगा...शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर !!
यह तो मुम्बई लगता ही नहीं है। आप मुम्बई की नयी धारणा स्थापित कीजिये, सबके मन में।
वाकई ये मुम्बई है? लगता है तुम उल्लू पटा रहे हो दोस्त? पर हम नहीं बनने वाले.:)
रामराम.
अरे वाह चैतन्य ....सुंदर दृश्य .....हमे भी मुंबई की याद दिला दी .....!!
बहुत सुन्दर...यह मुंबई तो बिल्कुल अलग है..
वाह बेटे, कॉन्क्रीट जंगल के किनारे पहाड की छाँव में बसाया है बसेरा.... यह मुँबई तो नई लगती है. :)
वाह!वाह!
बहुत सुन्दर ....
नजरिया अपना अपना होता है
साबित कर गए
हार्दिक शुभकामनाए
अरे वाह!
ई है मुंबई नगरिया का ??
हैं!!!! क्या यह वाकई मुंबई है? बढ़िया है!!! :-)
मुंबई को इस नज़र से विरले ही कोई देखता है...सुंदर।।।
aapka ghar kya khandala side main hai ?
wow !! चैतन्य मजा आता होगा ना !!!
वाकई क्या ये मुंबई में है ?
मै भी एक बार गई थी पर ऐसे नज़ारे कही नहीं देखे !
प्रिय चैतन्य जी ..वन्दे मातरम् .. ये मुंबई है खंडाला या पूना या कनाडा ?
भ्रमर ५ सत्यम
betu!
is it Panvel in (Raighadh Dist.)?
jo bhi hai, pyara hai!! :)
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पर्वत के पीछे क्या वाकई मुंबई है ? घर बैठे खिड़की से लाजबाब चित्र |
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