चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Monday, November 5, 2012

खेलूँ अपनी परछाई से .....

मुझे अपनी परछाई से खेलना बहुत भाता है | खूब मस्ती करता हूँ अपनी शेडो के साथ | मैं बहुत हैरान हो जाता हूँ कि कैसे मेरे पोज बदलने से मेरी परछाई का पोज भी बदल जाता है | आज कुछ फोटो यूँ ही अपनी परछाई के साथ खेलते हुए  |

खिली धूप में
..

थोड़ा इस एंगल  से

एक पांव उठाकर देखूं.....

  थोड़ा झुककर देखा जाये

कुछ इस तरह भी.......

सीधे सीधे चलूँ तो.....

हाथ ऊपर करके देखता हूँ.....

शेडो का साइड व्यू भी तो देखूँ 
मेरे ये फोटो  मुझे बिना बताये ही क्लिक किये गए हैं |  मैं तो अपनी परछाई से खेलने में खोया हुआ था  :) 

17 comments:

ऋता शेखर 'मधु' said...

बहुत अच्छा लगा आपका खेल...बचपन में मैं भी दीवार पर अपने हाथों के शैडो से तरह तरह की आकृतियाँ बनाया करती थी|

Akshitaa (Pakhi) said...

Wow...Creative Idea..Looks nice.

रविकर said...

nice

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

Wao

सदा said...

वाह ... बहुत बढिया।

डॉ टी एस दराल said...

हाय ! कित्ती साफ सुथरी सड़कें हैं.
खूब मज़े कर रहे हो बरखुरदार .
स्नेह आशीष.

वीरेंद्र सिंह said...

...BAHUT BADHIYA ..BACHHE!

GOD BLESS YOU.

राजन said...

मजेदार है !
मैं भी बचपन में ऐसे ही किया करता था।

प्रवीण पाण्डेय said...

हा हा हा, एक लड़का और इतनी परछाइयाँ...

मदन शर्मा said...

बचपन के दिन भी क्या दिन थे ...वो यादें जो भुलाए न भूले ....हार्दिक शुभ कामनाये ...

कविता रावत said...

अब ठण्ड में तो धूप का अलग ही आनंद हैं ..खूब खेलो ...कूदो।।

मेरा मन पंछी सा said...

अच्छा है खूब मस्ती करो...
:-)

Maheshwari kaneri said...

वाह! बहुत बढिया।..हार्दिक शुभ कामनाये ...

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

वाह, बहुत बढिया चैतन्य

Vandana Ramasingh said...

अपनी मस्ती में मस्त

Chaitanyaa Sharma said...

Aap Sabko Thanks...

Kailash Sharma said...

बहुत मज़ेदार खेल...

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