वैसे तो लकड़ी के खिलौने आजकल कम ही मिलते हैं । पर हाल ही में मुझे कुछ वुडन टॉयज़ मिले । ये सब बैटरी से चलने वाले खिलौनों की तरह नहीं हैं । न अपने आप से चलते हैं और न ही शोर करते हैं । लकड़ी के इन खिलौनों से खेलने का भी अलग ही मज़ा है । लकड़ी के ये पार्ट्स बाज़ार में मिले । इन सारे पार्ट्स को जोड़कर मैंने घर पर ही ये खिलौने बनाये हैं ।
एरोप्लेन |
रेस कार |
21 comments:
wow beautiful toys !!!
प्यारा चैतन्य , प्यारे से उसके खिलौने |
वाह, बहुत ही अच्छे। बंगलोर के पास चेन्नापट्टना में लकड़ी के खिलौने अच्छे मिलते हैं...कभी आईये तो दिलवायेंगे।
bahut sundar .
वाह !! बहुत सुंदर बनाया है...लकड़ी के खिलौने मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं...लकड़ी की गाड़ी...गुड्डा -गुड़ियाः)
वाह: खिलौने तो बहुत प्यारे हैं..शुभकामनाएं..
खुद बनाई..अपने सपनों कि दुनियां ...
मुबारक हो !
आशीर्वाद!
शोना बाबू!
हमारी इंदौर वाली जत्रा
में मिलते हैं ऐसे खिलौने!!!
आप जैसे प्यारे प्यारे ढेरों बच्चे हैं जो बैटरी के खिलौनों से खेलते हैं
मगर सच कहूं! इन खिलौनों के बिक जाने से गाँव में लोगो को रोज़गार मिल जाता है
और उनके बच्चों को रोटी.
खिलौने प्यारे हैं, बिलकुल आपकी तरह!
क्या बात है ... तुम तो जुगाडू भी हो भाई ... लकड़ी के खिलोने बनाना सीख गए ...
वाह ... बहुत ही अच्छे खिलौने ... शुभकामनाएं
मुझे भी चाहिए ये खिलौने... बताओ ना कहाँ मिलेंगे?
बहुत सुन्दर .बधाई
बहुत बढिया! थोड़ा बड़े होने पर तुम्हें स्कूल में खुद ये खिलौने बनाने का मौका मिलेगा, खूब मज़ा आयेगा। शुभ कामनायें!
Very Good dear!
कल 27/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
क्या बात है...बहुत सुन्दर खिलौने बनाए हैं |
वाह! चैतन्य... बधाईयाँ...
बहुत सुन्दर खिलौने....
बहुत बढ़िया खिलौने है लिटल ब्रदर
खूब खेलो , मस्ती करो...
पढ़ो-लिखो तरक्की करो...
:-)
WOW चैतन्य, ये सारे ही खिलौने बहुत प्यारे हैं..:)..अब तो मेरा भी मन कर रहा है इन सबसे खेलने का..
चैतन्य, मैं भी खेल चूका हूँ लकड़ी के खिलौने से :)
Post a Comment