चैतन्य शर्मा

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मैं चैतन्य, 16 साल का हूँ | मुझे कार्टून बनाना और कोडिंग करना बहुत पसंद है | मैं क्लास XI में पढ़ता हूँ | यह ब्लॉग 15 साल पहले मेरी माँ डॉ. मोनिका शर्मा ने बनाया था । अब मैं खुद अपने पोस्ट मेरे इस ब्लॉग पर शेयर करता हूँ ।

Thursday, November 18, 2010

हर तरफ...बर्फ ही बर्फ...!





अरे आप रुकिए.... जाइए नहीं ... यह मैं ही हूं चैतन्य | अभी-अभी स्कूल से आया हूं पर गाड़ी से बहार निकलने का मन नहीं कर रहा है क्योंकि चारों तरफ स्नो ही स्नो है | इस वक्त गाड़ी के बाहर का टेम्प्रेचर  -14 डिग्री है |   क्योंकि इस सीज़न की पहली स्नो आ पहुंची है |  अब कुछ महीने यहाँ ऐसा ही हाल रहेगा | मुझे भी आजकल बाहर निकलने से पहले पूरी तरह पैक होकर जाना पड़ता है | सुबह-सुबह स्कूल जाने में बड़ी दिक्कत आती है | सारे पेड़ पौधों पर बर्फ  जम गयी है | पैदल भी बहुत संभलकर चलना पड़ता है..... नहीं तो धपाक होते देर नहीं लगती | आप देखिये सीज़न की  पहली स्नो.......!
नहीं  आना  मुझे बाहर......

बहुत ठण्ड है रे ...


पेड़ों पर भी स्नो ही स्नो.....

देखिये बर्फ से ढकी है कार......


रास्ते के दोनों तरफ... बस बर्फ....



हर तरफ... जमी है स्नो....
बर्फ से ढके हैं क्रिसमस ट्री...


अब मैं अंदर भागता हूं.... बहुत ठण्ड लग रही है | आज के लिए इतना ही..... फिर से स्नो के सुंदर नज़ारे लाऊंगा आप सबके लिए..... अभी तो मैं भी जम रहा हूं....!


25 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

अरे बाप रे !!!इतनी ठण्ड!!!......लेकिन स्नो के नज़ारे बहुत ही सुन्दर हैं..चैतन्य! :)

With Love-

प्रवीण पाण्डेय said...

आपको देखकर ठंड लग रही है। सम्हालकर रहिये और गरम गरम दूध पीजिये।

abhi said...

वाह मस्त नज़ारा है बाहर का...हमे भी ऐसे स्नो वाले जगहों में जाने का मन करता है :)
खैर, अभी तो तुम घर में ही रहो और हाँ, स्नो के बहाने स्कूल के छुट्टी भी ले ही लो...:)

Shalini kaushik said...

sal bhar jin khoosurat drashyon ke liye man tarasta hai ve itni kushalta aur kalakari se ghar baithe dekhne ko milenge aisa socha na tha.thank you dear chaitanya thank you very much.

रानीविशाल said...

तुम्हे देख कर मुझे भी पिछले सालों की याद आगई....सचमुच ऐसी ठंडी में तो हम बच्चे हाउस अरेस्ट हो कर रह जाते है . इस बार यहाँ एल . ए . में यह नज़ारा नहीं मिलेगा ....विंटर्स में अपना बहुत ध्यान रखना चैतन्य !!
प्यार
अनुष्का

केवल राम said...

अरे मुझे मेरे बचपन कि याद दिला दी ..बर्फ में खुद का ध्यान रखना ..और मस्ती भी करना ...फिर मिलेंगे ..शुक्रिया

Chaitanyaa Sharma said...

@ यशवंत भैया
सच में बहुत ठण्ड है..... आपको फोटो पसंद आये थैंक्स

@ प्रवीण अंकल
ओ के .... आपकी बात ज़रूर मानूंगा

@ Abhi Bhaiya
no problem... main aapko yeh nazare dikhata rahunga.... chhutti ki to main bhi soch raha hun.... subah uthne me badi dikkat aati hai :)

Asha Joglekar said...

पर स्नो मैन बनाने में बरफ के गोले फेंक कर खेलने में तो मजा आता होगा । बहुत सुंदर फोटो हैं रे चैतन्य ।

Chaitanyaa Sharma said...

@ Shalini didi
Thanks and... U r most welcome.....

@Anushka
U r right.... Bas ghar me bad hokar rahana padata hai....

@ Kewal Bhaiya
Zaroor Kewal bhaiya...

वीरेंद्र सिंह said...

Ale ..Vah...Khoob mazaa aa raha n...?

vimla bhandari said...

बाप! रे इतनी ठण्ड . कैसे रहते हो चेतन बेटा .बर्फ का घर भी बना रखा है क्या?

Chaitanyaa Sharma said...

@ आशा आंटी
हाँ बड़ा मज़ा आता है..... आप मेरे ब्लॉग पर आये थैंक्स

@विरेंद्र भैया
हाँ .... :))))))))))


@ विमला आंटी
नहीं बर्फ का घर तो नहीं .... घर के चारों तरफ बहुत बर्फ है.....मेरे ब्लॉग पर आने के बहुत बहुत धन्यवाद आपका.....

Anonymous said...

नज़ारे तो बहुत सुन्दर है, हमें कब ले चल रहे हो घुमाने... ? :)

vijai Rajbali Mathur said...

चैतन्य ,
१९८१ और १९८२ की गर्मियों में कारगिल पोस्टिंग के दौरान कुछ -कुछ ऐसी ठण्ड देखी तो है,परन्तु तुमने बहुत ज्यादा बर्फ का अनुभव किया है.चित्र सैर करने के लिते धन्यवाद .

Chaitanyaa Sharma said...

@ सैयेद अंकल
@ विजय अंकल
थैंक्स मेरे ब्लॉग पर आने के लगे ... मुझे ख़ुशी है की आपको फोटोस अच्छे लगे ....

निर्मला कपिला said...

मैं तो डर ही गयी! तुमने मेरे ब्लाग की कुन्डी खतखटाई मैने खोल कर देखा तो एक नकाबपोश खडा था डर के मारे काँपने लगीये मत समझना मै बर्फ देख कर काँप रही हूँ, मगर ये क्या ये तो चैतन्य था। वाह! बेटा नानी को डराते हो? बहुत अच्छा लगा ब्लाग। ऐसे ही खूब मस्ती करते रहो। बहुत बहुत आशीर्वाद।

Chaitanyaa Sharma said...

@ निर्मला कपिला
आपका धन्यवाद ... आप मेरे ब्लॉग पर आये नानी ....

k said...

hooooooooooon khoob maje kiye hai lagta hai. chalo happy winter season..........

दीनदयाल शर्मा said...

subah subah barf hi barf dekh kar mja aa gya..Thanks Chaitnya...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

ब्यूटीफुल क्रिएशन ऑफ नेचर!
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
--
आपकी पोस्ट की चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी लगाई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/11/29.html

Chinmayee said...

अरे व्वा तुम तो एकदम मेरे जैसे लग रहे हो यहाँ मेरा भी यही हाल है ...स्कूल जाते वक्त इतना सारा बोजा चढाना पड़ता है पर फिर भी मुझे ये स्नो बहुत अच्छा लगता है .....
चलो अंदर जाके गरम गरम सूप पियो ठंडी भाग जायेगी :)

Chaitanyaa Sharma said...

@ अमन भैया ...
हाँ मजे तो हैं पर कभी कभी प्रोब्लम भी हो जाती है.... भाईजी

@दीनदयाल अंकल
आपको अच्छा लगा...? यह जानकर मुझे अच्छा लगा.....

@मयंक अंकल
थैंक्स अंकल मेरी पोस्ट की चर्चा करने के लिए.... आभार

@चिन्मयी
हाँ स्नो अच्छा तो मुझे भी लगता है...

Udan Tashtari said...

मजा आया था?? :)

Chaitanyaa Sharma said...

@ Smeer Uncle
बहुत मज़ा आया ......

SANDEEP PANWAR said...

जाट देवता का आशीष,
मुझसे भी बडे घुमक्कड बनो।
बच्चे ही बहुत अच्छे होते हैं, हालात की नाजुकता व परेशानी से वो कोसों दूर होते है।
बच्चे हमारे यहाँ तो लेह-लद्दाख में -५० तक तापमान चला जाता है।

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